*
पुराने जर्जर होते नक़्शे से
एक नई तस्वीर बन रही है -
चल रहा है
नवोदय का
अनुष्ठान !
*
पुनर्निर्माण पूर्व की
अवश्यंभावी उठा पटक.
हट जाये कूड़-कबाड़,
सदियों की जमी हुई कलौंच छुटे ,
दाग-धब्बों से रहित
धुंध -धूल से स्वच्छ ,
निर्मल हो थल-जल-मनस्तल .
*
खलल पड़ेगा बहुतों के आराम में
अवरोध खड़े होंगे ,
व्यवधान पड़ेंगे,
बाधायें बहते प्रवाह में .
लेकिन महायज्ञ कहाँ संभव,
समिधायें डाले बिना .
*
आस्था का तेल ,
श्रम की बाती
और विश्वास की लौ निष्कंप जले !
रोशनी से दमक उठे कोना-कोना.
हमारा सौभाग्य कि
साक्षी-सहभागी हैं ,
इस आयोजन में .
*
मंत्र-पाठ चल रहा है
सर्व कल्याण के विधान का,
आज की शंकाओं से आगे
आगत संतानो के समाधान का .
हव्य पाने उठ रहीं
हवन की लपटें .
यह आँच ,
कष्टमय भी ,वरेण्य है.
*
पुराने जर्जर होते नक़्शे से
एक नई तस्वीर बन रही है -
चल रहा है
नवोदय का
अनुष्ठान !
*
पुनर्निर्माण पूर्व की
अवश्यंभावी उठा पटक.
हट जाये कूड़-कबाड़,
सदियों की जमी हुई कलौंच छुटे ,
दाग-धब्बों से रहित
धुंध -धूल से स्वच्छ ,
निर्मल हो थल-जल-मनस्तल .
*
खलल पड़ेगा बहुतों के आराम में
अवरोध खड़े होंगे ,
व्यवधान पड़ेंगे,
बाधायें बहते प्रवाह में .
लेकिन महायज्ञ कहाँ संभव,
समिधायें डाले बिना .
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आस्था का तेल ,
श्रम की बाती
और विश्वास की लौ निष्कंप जले !
रोशनी से दमक उठे कोना-कोना.
हमारा सौभाग्य कि
साक्षी-सहभागी हैं ,
इस आयोजन में .
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मंत्र-पाठ चल रहा है
सर्व कल्याण के विधान का,
आज की शंकाओं से आगे
आगत संतानो के समाधान का .
हव्य पाने उठ रहीं
हवन की लपटें .
यह आँच ,
कष्टमय भी ,वरेण्य है.
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