कहाँ मिला ,
इंसाफ़,आधा-अधूरा रहा .
छूट गया
सबसे पातकी गुनहगार,
उढ़ा दी पापियों ने
भेड़िये को भेड़ की खाल,
और छुट्टा छोड़ दिया -
फिर-फिर घात लगाने के लिए.
वीभत्स पशु,दाँत निपोरता
मौका तक रहा होगा .
खोजो ,कहाँ है
खदेड़ कर सामने लाओ.
सब से गहरा कलंक ,
इंसानियत पर
काली छाया डाले
जाने कब तक.
मिटा दो वह पाप का अंक,
कि मानवता सिर उठा कर जी सके!
ओ माँ ,
तुम जो क्षण-क्षण साक्षी बन ,
भोगती रहीं मरणान्तक पीड़ा,
उसके साथ,
तुम्हारे अभिशाप से त्रस्त ,
नारीत्व-भंजन का महापापी,
कुकर्म-बोध पाले,
पल-पल दहता
अनन्त काल तड़पे,
वह जघन्य जीव
किसी ठौर त्राण न पाए !
*
- प्रतिभा.
इंसाफ़,आधा-अधूरा रहा .
छूट गया
सबसे पातकी गुनहगार,
उढ़ा दी पापियों ने
भेड़िये को भेड़ की खाल,
और छुट्टा छोड़ दिया -
फिर-फिर घात लगाने के लिए.
वीभत्स पशु,दाँत निपोरता
मौका तक रहा होगा .
खोजो ,कहाँ है
खदेड़ कर सामने लाओ.
सब से गहरा कलंक ,
इंसानियत पर
काली छाया डाले
जाने कब तक.
मिटा दो वह पाप का अंक,
कि मानवता सिर उठा कर जी सके!
ओ माँ ,
तुम जो क्षण-क्षण साक्षी बन ,
भोगती रहीं मरणान्तक पीड़ा,
उसके साथ,
तुम्हारे अभिशाप से त्रस्त ,
नारीत्व-भंजन का महापापी,
कुकर्म-बोध पाले,
पल-पल दहता
अनन्त काल तड़पे,
वह जघन्य जीव
किसी ठौर त्राण न पाए !
*
- प्रतिभा.