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ब्लागर बंधु-बांधवियों को ,
सादर-सप्रेम -
ले अपना हिस्सा, निकल चुका है विगत वर्ष ,
यह आगत लाये शान्ति और सौहार्द, मित्र!
इस विश्व पटल पर मंगल-मंत्र उचार भरें
मानवता रच दे , जय-यात्रा के भव्य-चित्र!
हम-तुम, प्रसाद पायें सुरम्य संसार रहे ,
हिल्लोलित होता रहे हृदय ले नवल हर्ष !
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ब्लागर बंधु-बांधवियों को ,
सादर-सप्रेम -
ले अपना हिस्सा, निकल चुका है विगत वर्ष ,
यह आगत लाये शान्ति और सौहार्द, मित्र!
इस विश्व पटल पर मंगल-मंत्र उचार भरें
मानवता रच दे , जय-यात्रा के भव्य-चित्र!
हम-तुम, प्रसाद पायें सुरम्य संसार रहे ,
हिल्लोलित होता रहे हृदय ले नवल हर्ष !
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- प्रतिभा सक्सेना.