*
चँदन केर बिरवा मइया तोरे अँगनाकइस होई चँदन क फूल !
*
कनिया रहिल माई बाबा से कहलीं ,
चलो, चलो मइया के दुआर !
केतिक बरस बीति गइले निहारे बिन
दरसन न भइले एक बार !
हार बनाइल मइया तोहे सिंगारिल ,
चुनि-चुनि सुबरन फूल !
*
जइहौ हो बिटिया, बन के सुहागिनि ,
ऐतो न खरच हमार ,
आपुनोई घर होइल आपुन मन केर
होइल सबै तेवहार !
बियाहै गइल , परबस भइ गइली ,
रे माई तू जनि भूल !
*
ना मोर पाइ धरिल एतन बल ,
ना हम भइले पाँखी !
कइस आइल एतन दूरी हो
कइस जुड़ाइल आँखी !
कोस-कोस छाइल गमक महमही ,
पाएल न चँदन क फूल !
*
आपुनपो लै लीन्हेल गिरस्थी,
अब मन कइस सबूरी !
चँदन फूल धरि चरन परस की -
जनि रह आस अधूरी !
विरवा चँदन ,गाछ बन गइला
मइया अरज कबूल !
*
बसन्त पंचमी की शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंइस रचना को समझने की कोशिश तो की है ।बस चंदन के फूल सी आपकी याद महकने लगी ।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 16 फरवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर मधुर गीत |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मनमोहक लोकगीत..माँ बेटी के विछोह का सुन्दर शब्द चित्र..लोक परम्परा को सहेजे आपकी सुन्दर रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंचंदन के वृक्ष और मायके से दूर बेटी को उसके फूलों की याद दिलाती लोक भाषा में लिखी सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंअहा अति सुंदर मनभावन सरस शीतल सृजन।
जवाब देंहटाएंलुप्तप्राय चंदन के फूल की तरह खूबसूरत और मन को ठंडक प्रदान करती लोकगीत।।
सादर।
चन्दन, माँ पुत्री का एहसास और बहुत कुछ समेटे आंचलिक भाषा का आनंद समेटे एक सुन्दर भावपूर्ण रचना ... वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएं सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंआभार आ. शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर व अलहदा सृजन।
जवाब देंहटाएंमाँ-बेटी के मन के भावों का लोक-भाषा बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीया प्रतिभा जी,सादर नमस्कार आपको
आज भी गाँव में गीत की ऐसी मधुरता सुनने को मिल जाती है । अति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंअमृता जी के कथन ने मेरे मन की बात कह दी..वास्तव में ऐसी मधुरता हम खोते जा रहे हैं..आपका धन्यवाद ऐसा सुंदर गीत देने के लिए..
जवाब देंहटाएंअति सुंदर, मनभावन, हृदय-विजयी लोकगीत । शब्द-शब्द में मिट्टी की गंध है ।
जवाब देंहटाएंदेसी भाषा में सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन
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बहुत ही सुंदर रचना , माँ बेटी के बीच के प्रेम को दर्शाती हुई,लोकगीत मे मिट्टी की खुशबू होती हैं ।सादर नमन, बहुत बहुत बधाई हो आपको
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है,
जवाब देंहटाएंआपकी रचनाओं की प्रतीक्षा रहती है।
..... शुभकामनाएं।
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंbadi hi sunder rachna hai, thanks, Free me Download krein: Mahadev Photo
जवाब देंहटाएंsunder rachna, thanks sharing for this information,
जवाब देंहटाएंZee Talwara
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