*
शारदा,शंकर-सहोदरि ,सनातनि,स्वायम्भुवी,
सकल कला विलासिनी , मङ्गल सतत सञ्चारती.
ज्ञानदा,प्रज्ञा ,सरस्वति , सुमति, वीणा-धारिणी
नादयुत ,सौन्दर्यमयि ,शुचि वर्ण-वर्ण विहारिणी.
कलित,कालातीत,,किल्विष-नाशिनी,कल-हासिनी
भास्वरा, भव्या,भवन्ती ,भाविनी भवतारिणी
शुभ्र,परम निरंजना,पावन करणि,शुभ संस्कृता
अमित श्री,शोभामयी हे देवि, नमन, शरण प्रदा,
धवल कमलासीन,ध्यानातीत धन्य,धुरन्धरा
शब्दमयि,सुस्मित,स्वरा सौम्या सतत श्वेताम्बरा.
जननि,शुभ संस्कार दो ,दृढ़मति, सतत,कर्मण्य हों
राष्ट्र के प्रहरी बने जीवन हमारा धन्य हो,
*
ं
सुंदर अर्चना गीत माँ शारदे की।🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंवाह अदभुद।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२२-०८-२०२०) को 'जयति-जय माँ,भारती' (चर्चा अंक-३८०१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
आपका आभार,अनीता जी.
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 21 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ ,दिग्विजय जी.
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति, प्रतिभा दी।
जवाब देंहटाएंमाँ भारती के चरणों में सुन्दर वंदन ... देश प्रेम की भावना हर ह्रदय में जागृत रहे ... देश पुनः महान हो ... जय भारत ...
जवाब देंहटाएंअदभुत अभिव्यक्ति,
जवाब देंहटाएंअति उत्तम और अनुपम माँ ग्यानेश्वरी -जान्विका की वंदना मैम
जवाब देंहटाएं