सोमवार, 25 मार्च 2013

होली के दोहे.


*
एक रंग है प्रीत का, बाकी सब तो स्याम,
अक्षर-अक्षर तू लिखा, मैं रह गई अनाम .
 *
जो जंगल सुलगा रहे, वही पलाश बटोर,
घोल रंग होली किया, दहक रहा हर पोर .
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उसी आग के रंग से, चूनर रँग दे श्याम ,
तन-मन ताप समा गया, अब संसार हराम .
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क्यों साबुन रगड़े सखी,चढ़ा श्याम का रंग
फीका कैसे होयगा ,जब हो रहा अनंग.
*
मेरा  तन मत नाप रे , साजन से ले पूछ,
दरजी, तब  पोषाक में रहे न कोई चूक.
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19 टिप्‍पणियां:

  1. होली की शुभकामनायें आपको .....

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  2. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  3. बहुत ख़ूबसूरत दोहे...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  4. वाह बेहतरीन दोहे होली के
    होली की बहुत शुभकामनायें प्रतिभा जी

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  5. होली के दोहे,
    सबका मन मोहे।

    होली की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  6. कितने सुन्दर दोहे है .. होली की शुभकामनाएं

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  7. बहुत अच्छी रचना
    क्या बात

    होली की शुभकामनाएं

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  8. होली पर आप को हार्दिक शुभकामनाएँ

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  9. होली की महिमा न्यारी
    सब पर की है रंगदारी
    खट्टे मीठे रिश्तों में
    मारी रंग भरी पिचकारी
    होली की शुभकामनायें

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  10. वाह .. लाजवाब ... जीवन के रंगबिरंगे रंगों में रंगे .. दोहे ...
    आपको होली की शुभ्कम्नाये

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  11. Preet ke rang mein doobe dohe bahut hee sunder ban pade hain Pratibhaji!
    Holi pe pranam!
    Shar

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  12. बहुत सुन्दर दोहे ....बहुत ही सुन्दर ...!!

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