*
आ जा री निंदिया.
आ जा री निंदिया आ जा ,मुनिया/मुन्ना को सुला जा !
मुन्ना है शैतान हमारा .
रूठ बितता है दिन सारा .
हाट-बाट औ'अली-गली में नींद करे चट फेरी ,
शाम को आवे लाल सुलावे उड़ जा बड़ी सवेरी !
*
आ जा निंदिया आ जा तेरी मुनिया जोहे बाट ,
सोने के हैं पाए जिसके रूपे की है खाट
मखमल का है लाल बिछौना तकिया झालरदार ,
सवा लाख हैं मोती जिसमें लटकें लाल हज़ार !
*
आ जा री निंदिया आ जा!
नींद कहे मैं आती हूँ सँग में सपने लाती हूँ .
निंदिया आवे निंदिया जाय ,निंदिया बैठी घी-गुड़ खाय,
*
(वर्षा के मौसम में जुड़ जाता -)
पानी बरसे झम-झम कर, बिजली चमके चम-चम कर
,भोर का जागा मुन्ना ,मेरी गोद में सोवे बन-बन कर .
निरख-निरख छवि तन-मन वारूँ लोर सुनाऊं चुन-चुन कर .
आजा री निंदिया.
--
आ जा री निंदिया.
आ जा री निंदिया आ जा ,मुनिया/मुन्ना को सुला जा !
मुन्ना है शैतान हमारा .
रूठ बितता है दिन सारा .
हाट-बाट औ'अली-गली में नींद करे चट फेरी ,
शाम को आवे लाल सुलावे उड़ जा बड़ी सवेरी !
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आ जा निंदिया आ जा तेरी मुनिया जोहे बाट ,
सोने के हैं पाए जिसके रूपे की है खाट
मखमल का है लाल बिछौना तकिया झालरदार ,
सवा लाख हैं मोती जिसमें लटकें लाल हज़ार !
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आ जा री निंदिया आ जा!
नींद कहे मैं आती हूँ सँग में सपने लाती हूँ .
निंदिया आवे निंदिया जाय ,निंदिया बैठी घी-गुड़ खाय,
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(वर्षा के मौसम में जुड़ जाता -)
पानी बरसे झम-झम कर, बिजली चमके चम-चम कर
,भोर का जागा मुन्ना ,मेरी गोद में सोवे बन-बन कर .
निरख-निरख छवि तन-मन वारूँ लोर सुनाऊं चुन-चुन कर .
आजा री निंदिया.
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सुंदर लोरी.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सरस लोरी.
जवाब देंहटाएंकाश कोई गाकर सुनाये इस लोरी को..
जवाब देंहटाएंyaad kar lun.
जवाब देंहटाएं:) स्वीट ..
जवाब देंहटाएंमन में भीतर तक हलचल मचा गई ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर लोरी ...
इतनी सुंदर लोड़ी सुनकर निंदिया रानी तो आएगी ही ..... :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लोड़ी ...
सादर !
बहुत सुन्दर लोरी...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं*लोरी
जवाब देंहटाएंमनमोहक लोरी ........
जवाब देंहटाएंसाभार........
सुचना ****सूचना **** सुचना
जवाब देंहटाएंसभी लेखक-लेखिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुचना सदबुद्धी यज्ञ
(माफ़ी चाहता हूँ समय की किल्लत की वजह से आपकी पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं दे सकता।)
बहुत प्यारी लोरी ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपकी टिपण्णी का .बहुत सुन्दर बिम्ब लिए है लोरी भाव और शब्द सौन्दर्य देखते ही बनता है .
जवाब देंहटाएंपलकों के बगल में नींद आकर बैठ गयी..
जवाब देंहटाएंयह तो बड़े काम की है आज कल :):)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...गुनगुनाने का मन हो रहा है ...!!:))
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