शुक्रवार, 30 जून 2017

समय का हिसाब -

*
कूड़े के ढेर पर
बिखरा पड़ा कितना सामान,
किसी ज्योनार का फिंका खाना तमाम.
जूठन लगी पेपर प्लेटें,
पिचकी बोतलें, गिलास,
पालिथीन की ,मुड़ी-चुड़ी थैलियाँ .
और बहुत-कुछ एक  साथ.
मक्खियों के संग
मँडराती खट्टी-सी गंध.

दो बच्चे ,उम्र आठ-दस बरस ,
कंधे पर झोली टाँगे ,छडी़ से मँझा रहे हैं
बजबजाते अंबार को.
पतली-पतली टाँगों से फलाँग-फलाँग
छड़ी से उकत-पुकत कर रहे हैं ढेर.
उठाते ,कुछ खाते कुछ झोली में डालते,
चिपकते हाथ पीछे पोंछते
टुकड़ों  में तृप्ति बटोरते,
हँसते हैं.
(काश ,पहले मिल गया होता !)

किसने फेंका ?
हिसाब चुकाना पड़ेगा एक दिन.
कितना समेटा, बढ़-चढ़ के जोड़ लिया
और बर्बाद कर दिया पल भर में.
बहुत तृप्त हुआ मन ?

पर यहाँ हर चीज़ का,
हरेक का हिस्सा तय है.
एक-एक अन्न जतन से सँजोती है धरती  ,
पूरे मौसम की फ़सल .
फोकट में नहीं मिलता अन्न-जल !
(ईश्वर न करे कभी  तुम्हारी संतान को तरसना पड़े यों ही.)

याद रखना -
समय बख्शता नहीं किसी को,
हिसाब 
पूरा कर छोड़ता है !
*
(कुछ दिनों की छुट्टी)

18 टिप्‍पणियां:

  1. सच ही तो है ... सामान्य गति से चलने वाला समय हर पल का हिसाब रखता है और समय आने पर माँगता है उसका हिसाब ... हर क्षणिका एक प्रश्न बैन कर जवाब माँगती है ...

    जवाब देंहटाएं
  2. सही लिखा आपने , जवाब देना होगा संसाधन बचा कर रखें मानव को अभी बहुत दूर जाना है !

    जवाब देंहटाएं
  3. संभल जाओ इससे पहले कि समय अपना रूप दिखाए.

    जवाब देंहटाएं
  4. हिंदी ब्लॉगिंग दिवस की शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही लाजवाब, शुभकामनाएं.

    #हिंदी_ब्लागिँग में नया जोश भरने के लिये आपका सादर आभार
    रामराम
    ०३८

    जवाब देंहटाएं
  6. हाँ ...समय एक सा कहाँ रहता है ? सचेत करते भाव

    जवाब देंहटाएं
  7. अन्तर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें .....

    जवाब देंहटाएं
  8. सही कहा लेकिन हम तो कहेंगे
    ताऊ के डंडे ने कमाल कर दिया
    ब्लोगर्स को बुला कमाल कर दिया

    #हिंदी_ब्लोगिंग जिंदाबाद
    यात्रा कहीं से शुरू हो वापसी घर पर ही होती है :)

    जवाब देंहटाएं
  9. मम्मी आपने तस्वीर खींच दी है... मैंने एक पोस्ट लिखी थी इसी विषय पर बहुत पहले.

    जवाब देंहटाएं
  10. तभी कहते हैं न कि अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए ...

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही बेहतरीन article लिखा है आपने। Share करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। :) :)

    जवाब देंहटाएं
  12. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना सोमवार 1 जनवरी 2018 के नववर्षीय विशेषांक के लिए लिंक की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  13. यथार्थ का रंग रूप बताती रचना.
    नव वर्ष की शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  14. यथार्थ का रंग रूप बताती रचना.
    नव वर्ष की शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं