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विश्व-मंगल हेतु उतरो धरा पर, नव वर्ष !
इस अधीरा मही को आश्वस्ति से भर दो,
चर-अचर को सुमति मंत्रित प्रीतिमय स्वर दो.
कूट-कलुष मिटे मनुजता को मिले उत्कर्ष .
उतरो धरा पर, नव वर्ष !
श्वेत पंखों से झरें सुख-शान्ति के मधु स्वन,
सुकृति -शील सु-भाव से मण्डित रहे जन-मन,
नवल संवत्सर पधारो, सहित सुस्नेह सहर्ष!
उतरो धरा पर, नव वर्ष !
दग्ध मानव-हृदय को दो ,आस्था के स्वर ,
विखण्डन सारे सहज परिपूर्णता से भर.
कर्ममय जीवन बने, संकल्प सुदृढ़-समर्थ!
उतरो धरा पर, नव वर्ष !
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सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं नव वर्ष की
जवाब देंहटाएंजीवन में आस्था हो और हृदय में अटल विश्वास तो अवश्य ही नव वर्ष मंगलकारी सिद्ध होगा, सुंदर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्दों का संयोजन और आस्था का आह्वान ..... नव वर्ष ऐसा ही हो .... आपको नव वर्ष की शुभकामनाएँ .
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार. 3 जनवरी 2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
अनेकानेक धन्यवाद ,संगीता जी.
जवाब देंहटाएंइति शुभम्।
जवाब देंहटाएंसर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
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शुभमंगलकामनाए आप भी स्वीकारें।
सादर
प्रणाम।
दग्ध मानव-हृदय को दो ,आस्था के स्वर ,
जवाब देंहटाएंविखण्डन सारे सहज परिपूर्णता से भर.
कर्ममय जीवन बने, संकल्प सुदृढ़-समर्थ!
उतरो धरा पर, नव वर्ष !.. बहुत सुंदर भाव । आपको मेरा सादर अभिवादन, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐🙏
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति।नव वर्ष में मंगल ही मंगल हो। बहुत आभार और अभिनंदन आदरणीया। नूतन वर्ष मंगलमय हो यहीं कामना करती हूं 🙏🙏🌷🌷💐💐
जवाब देंहटाएंमंगल एवं कल्याणकारी भावनाओं से सजी लाजवाब भावाभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
दग्ध मानव-हृदय को दो ,आस्था के स्वर ,
जवाब देंहटाएंविखण्डन सारे सहज परिपूर्णता से भर.
वाह!!!
बहुत ही लाजवाब।
बेहतरीन शुभकामनाएं और कविता ॥ उम्दा
जवाब देंहटाएंश्वेत पंखों से झरें सुख-शान्ति के मधु स्वन,
जवाब देंहटाएंसुकृति -शील सु-भाव से मण्डित रहे जन-मन,
लाजवाब सृजन
विश्व-मंगल हेतु उतरो धरा पर, नव वर्ष !
जवाब देंहटाएंइस अधीरा मही को आश्वस्ति से भर दो, बेहद सुंदर पंक्तियां
बहुत ही लाजवाब सृजन
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