ओ ,बाँके-बिहारी !
[तुम्हारी जैसी ही नटखट,मोहक, निराली विधा, नचारी में तुम्हारी महिमा गा रही हूँ ,इसकी बाँकी मुद्रा तुम्हारे त्रिभंगी रूप से खूब मेल खाएगी. अर्पित करती हूँ ,तुम्हारे श्री-चरणों में यह नचारी-]
*
दुनिया के देव सब देवत हैं माँगन पे ,
और तुम अनोखे ,खुदै मँगिता बनि जात हो !
अपने सबै धरम-करम हमका समर्पि देओ ,
गीता में गाय कहत, नेकु ना लजात हो !
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वाह ,वासुदेव ,सब लै के जो भाजि गये,
कहाँ तुम्हे खोजि के वसूल करि पायेंगे !
एक तो उइसेई हमार नाहीं कुच्छौ बस ,
तुम्हरी सुनै तो बिल्कुलै ही लुट जायेंगे!
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अरे ओ नटवर ,अब कितै रूप धारिहो तुम ,
कैसी मति दीन्हीं महाभारत रचाय दियो !
जीवन और मिर्त्यु जइस धारा के किनारे खड़े,
आपु तो रहे थिर ,सबै का बहाय दियो !
*
तुम्हरे ही प्रेरे, निरमाये तिहारे ही ,
हम तो पकरि लीन्हों तुम छूटि कितै जाओगे !
लागत हो भोरे ,तोरी माया को जवाब नहीं,
नेकु मुस्काय चुटकी में बेच खाओगे !
*
एक बेर हँसि के निहारो जो हमेऊ तनि ,
हम तो बिन पूछे बिन मोल बिकि जायेंगे !
काहे से बात को घुमाय अरुझाय रहे ,
तू जो पुकारे पाँ पयादे दौरि आयेंगे !
*
- प्रतिभा.
लाजवाब सृजन।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं कृष्ण जन्मष्टमी की।
कन्हैया की हर अदा ही निराली है.. सरस लेखनी !
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ अनीता जी.
जवाब देंहटाएंBahut Khoob Jay Shri Krishna
जवाब देंहटाएंआपके भक्ति पद पढ़ कर भाव विभोर हो उठा मन । जय श्री कृष्ण .. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं मैम!
जवाब देंहटाएंभक्तिभाव से परिपूर्ण सुन्दर गीत । आभार।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबधाई
🙏🇮🇳🙏
वाह अलहदा सा अभिनव सृजन।
जवाब देंहटाएंएक बेर हँसि के निहारो जो हमेऊ तनि ,
जवाब देंहटाएंहम तो बिन पूछे बिन मोल बिकि जायेंगे !
काहे से बात को घुमाय अरुझाय रहे ,
तू जो पुकारे पाँ पयादे दौरि आयेंगे !,,,,,,,,,।बहुत सुंदर रचना ।आदरणीया शुभकामनाएँ ।
बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंवाह ... आत्मा तृप्ति का भाव पा गई जैसे ...
जवाब देंहटाएंमन विभोर हो उठा काँटा की प्रीत में ... अनुपम रचना ...
Geat work RAJASTHAN GK
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