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सोमवार, 31 दिसंबर 2018

ब्लागर बंधु-बांधवियों को -

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ब्लागर बंधु-बांधवियों को ,
सादर-सप्रेम -

ले अपना हिस्सा, निकल चुका है विगत वर्ष ,
यह आगत लाये शान्ति और सौहार्द, मित्र!
इस विश्व पटल पर  मंगल-मंत्र उचार भरें
मानवता रच दे , जय-यात्रा के  भव्य-चित्र!
हम-तुम, प्रसाद पायें  सुरम्य संसार रहे ,
हिल्लोलित होता रहे  हृदय ले नवल हर्ष !
*
- प्रतिभा सक्सेना.

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपके लिये भी सपरिवार नववर्ष की मंगलकामनाएं।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (02-01-2019) को "नया साल आया है" (चर्चा अंक-3204) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. Very Nice.....
    बहुत प्रशंसनीय प्रस्तुति.....
    मेरे ब्लाॅग की नई प्रस्तुति पर आपके विचारों का स्वागत...

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  4. आपके गीत की आशा और उम्मीद बनी रहे ..
    इश्वर इन शब्दों में शक्ति का वास करे ... नव वर्ष की मंगल कामनाएं ...

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  5. नये वर्ष के लिए मंगल कामनाएं ! आने वाला वर्ष विश्व के लिए शांति और सौहार्द का वातावरण सृजित करे..

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  6. आवश्यक सूचना :
    अक्षय गौरव त्रैमासिक ई-पत्रिका के प्रथम आगामी अंक ( जनवरी-मार्च 2019 ) हेतु हम सभी रचनाकारों से हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में रचनाएँ आमंत्रित करते हैं। 15 फरवरी 2019 तक रचनाएँ हमें प्रेषित की जा सकती हैं। रचनाएँ नीचे दिए गये ई-मेल पर प्रेषित करें- editor.akshayagaurav@gmail.com
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    https://www.akshayagaurav.com/p/e-patrika-january-march-2019.html

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