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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

विश्व-मंगल हेतु उतरो धरा पर, नव वर्ष !

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 विश्व-मंगल हेतु उतरो धरा पर, नव वर्ष !

इस अधीरा मही को आश्वस्ति से भर दो, 

चर-अचर को  सुमति मंत्रित प्रीतिमय स्वर दो.

कूट-कलुष मिटे मनुजता को मिले उत्कर्ष .

उतरो धरा पर, नव वर्ष !

श्वेत पंखों से झरें सुख-शान्ति के मधु स्वन,

सुकृति -शील सु-भाव से मण्डित रहे जन-मन,

नवल संवत्सर पधारो, सहित सुस्नेह सहर्ष!  

उतरो धरा पर, नव वर्ष !

दग्ध मानव-हृदय को दो ,आस्था के स्वर ,

विखण्डन सारे सहज परिपूर्णता से भर.

कर्ममय जीवन बने, संकल्प सुदृढ़-समर्थ!

उतरो धरा पर, नव वर्ष !

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