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शनिवार, 8 अगस्त 2020

शिलान्यास के शुभ अवसर पर -

*

 प्रभु, श्रीराम पधारो!

इस साकेतपुरी में, मन में ,रम्य चरित विस्तारो!

*

बीता वह दुष्काल सत्य की जीत हुई,

नया भोर दे,तिमिर निशा अब बीत गई, 

विष-व्यालों के संहारक तुम गरुड़ध्वजी,

मातृभूमि के पाश काटने, धनुर्भुजी ,

 भानु-अंश, तम हरने को पग धारो !  

*

युग-युग के दुष्पाप शमित हो, रहे शुभम् 

सुकृति-सुमति से पूरित हो तन-मन जीवन 

कुलांगार कर क्षार ,भाल   चंदन धर दो 

राष्ट्र-पुरुष का माथ तिलक से मंडित हो ,

मनुज लोक में पुण्य-श्लोक संचारो!

*

सहस बरस बीते  अँधियाते, टकराते

रहे सशंकित ,पग-पग पर  धक्के खाते,

 इस भू से कलंक चिह्नों को निर्वारो,

परित्राण दो,क्षिति-तल के संकट टारो,

परम वीर ,हे महिमावान पधारो .

*

दुर्मद-दुर्मति का निष्कासन संभव हो 

मिटा दैन्य ,सामर्थ्य नवोर्जाएँ  भर दो ,

भूमा का वरदान ,विश्व में शान्ति रहे 

बाधाएँ हट जायँ न कोई भ्रान्ति रहे,

करुणामय , निज जन के काज सँवारो !

*

कर्मों में रत जीवन ,जब निस्पृह  जीता ,

शीश वहीं पर अखिल विश्व का नत होता -

सिद्ध किया तुमने निज को दृष्टान्त बना ,

दिव्य कर दिया पञ्चभूतमय तन अपना.

आ ,साक्षात् विराजो,  निज लीला धारो!

 अब, श्री राम पधारो !

*

- प्रतिभा.

9 टिप्‍पणियां:

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (10 अगस्त 2020) को 'रेत की आँधी' (चर्चा अंक 3789) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    --
    -रवीन्द्र सिंह यादव

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  2. बहुत ही सुंदर सराहना परे अभिव्यक्ति।
    सादर

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  3. निश्चित ही यह नवयुग का आगमन है... जय श्रीराम

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  4. भक्ति भाव से सुसज्जित संग्रहणीय अनमोल और दुर्लभ कृति । जय श्री राम ।

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  5. बहस सुन्दर और अप्रतिम शब्दों से राम जी के मन्दिर के भाव लिखे हैं ...
    ये एक नव युग है जो राम जी द्वारा राम की माया से पूर्ण हुआ है ... आलोकिक ...

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