tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post3144594889835650868..comments2023-12-29T02:05:21.545-08:00Comments on शिप्रा की लहरें: वास्ताप्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-46720999215707090372014-03-13T03:26:32.556-07:002014-03-13T03:26:32.556-07:00समाज को आईना दिखाती रचना । स्त्री को ही जागरूक होन...समाज को आईना दिखाती रचना । स्त्री को ही जागरूक होना होगा ;अपने स्व को पहचानना होगा । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-75362232943962369832014-02-27T10:39:08.377-08:002014-02-27T10:39:08.377-08:00अत्युत्तम रचना ।
प्रणाम।अत्युत्तम रचना ।<br />प्रणाम।धीरेन्द्र अस्थानाhttps://www.blogger.com/profile/14444695558664600159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-58041086761570860082014-02-23T22:02:39.658-08:002014-02-23T22:02:39.658-08:00ये 'क्षमा' की बात यहाँ ,कहाँ से आ गई ?एक ...ये 'क्षमा' की बात यहाँ ,कहाँ से आ गई ?एक ओर लिखते हैं - '... छमा-उमा त हमरा डिक्सनरी में हइये नहीं है!!'<br />तो फिर 'बेधड़क हो के लिखते रहिये...' <br />(ये भी आपही के शब्द दोहरा रही हूँ ).<br />प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-55506131828829670902014-02-23T06:06:38.902-08:002014-02-23T06:06:38.902-08:00प्रभावित करती रचना .प्रभावित करती रचना .विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-36338487500411940682014-02-23T03:10:53.060-08:002014-02-23T03:10:53.060-08:00अति सुन्दर शानदार प्रस्तुति अति सुन्दर शानदार प्रस्तुति virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-77586294422105518692014-02-23T00:52:57.154-08:002014-02-23T00:52:57.154-08:00शक्ति को शक्ति की अनुभूति कराती हृदयस्पर्शी कविता।...शक्ति को शक्ति की अनुभूति कराती हृदयस्पर्शी कविता।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-87174973299450094742014-02-22T22:57:43.630-08:002014-02-22T22:57:43.630-08:00हिला गयी अंदर तक ... कडुवा सच है जो झंझोड़ता है ......हिला गयी अंदर तक ... कडुवा सच है जो झंझोड़ता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-86509476370262738162014-02-22T14:16:04.143-08:002014-02-22T14:16:04.143-08:00आभारी हूँ ,राजीव जी .आभारी हूँ ,राजीव जी .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-62347170353802978112014-02-22T12:40:48.492-08:002014-02-22T12:40:48.492-08:00वर्तमान भारतीय समाज के यथार्थ की दर्पण सदृश यह मार...वर्तमान भारतीय समाज के यथार्थ की दर्पण सदृश यह मार्मिक किन्तु सशक्त अभिव्यक्ति मन पर चोट करने के साथ ही नारीशक्ति को झकझोर कर जागृति का संदेश भी दे रही है । साधुवाद !!शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-54735556894794474862014-02-22T04:50:11.232-08:002014-02-22T04:50:11.232-08:00कटु सत्य लिए प्रभावी अभिव्यक्ति .....कटु सत्य लिए प्रभावी अभिव्यक्ति ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-75574284247714556442014-02-22T02:04:11.142-08:002014-02-22T02:04:11.142-08:00एक गहन चिंतन ,पीड़ा की अनुभूति , उस से बाहर आने के...एक गहन चिंतन ,पीड़ा की अनुभूति , उस से बाहर आने के लिए नारसिंही (तुरही )आह्वान .....बहुत सुन्दर !<br />new post<a href="http://www.kpk-vichar.blogspot.in/2014/02/blog-post_20.html#links" rel="nofollow">किस्मत कहे या ........</a><br />New post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2014/02/blog-post.html#links" rel="nofollow">: शिशु</a><br /><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-90443498207376793812014-02-21T17:37:33.974-08:002014-02-21T17:37:33.974-08:00कटु सत्य कहती बढ़िया रचना |
आशा कटु सत्य कहती बढ़िया रचना |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-74395842936828643612014-02-21T08:09:08.756-08:002014-02-21T08:09:08.756-08:00सलिल ने कह दिया सब कुछ । वाकई अदभुत है :) सलिल ने कह दिया सब कुछ । वाकई अदभुत है :) सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-31576800129255871232014-02-21T07:27:14.564-08:002014-02-21T07:27:14.564-08:00अत्यंत ही मार्मिक पर कटु सत्य.
रामराम.अत्यंत ही मार्मिक पर कटु सत्य.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-33366973238283728692014-02-21T04:14:51.669-08:002014-02-21T04:14:51.669-08:00पढ़ते हुए खून खौल उठा , भुजाएं फड़कने लगी है.. एक-एक...पढ़ते हुए खून खौल उठा , भुजाएं फड़कने लगी है.. एक-एक स्त्री को झझकोरने का संकल्प ... Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-4084639517883678822014-02-21T00:20:41.802-08:002014-02-21T00:20:41.802-08:00समाज का एक क्रूर सत्य..अब समय आ गया है जब नारी को ...समाज का एक क्रूर सत्य..अब समय आ गया है जब नारी को अपनी शक्ति जगानी होगी..अपने अस्तित्त्व की रक्षा के लिए लड़ना होगा Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-25929492127702693922014-02-20T23:31:55.672-08:002014-02-20T23:31:55.672-08:00मार्मिक चित्रण.मार्मिक चित्रण.राजीव कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/01325529492703038666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-42066667977098612772014-02-20T21:36:49.916-08:002014-02-20T21:36:49.916-08:00बोलो, नहीं तो क्षुब्ध प्रकृति अपने स्वर में बोलेगी...बोलो, नहीं तो क्षुब्ध प्रकृति अपने स्वर में बोलेगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-88234040169378593462014-02-20T21:25:26.345-08:002014-02-20T21:25:26.345-08:00दर्दनाक ,मार्मिक मगर सत्य चित्रण !!दर्दनाक ,मार्मिक मगर सत्य चित्रण !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-80490126009032626412014-02-20T18:56:57.413-08:002014-02-20T18:56:57.413-08:00कई लोगों ने इस विषय पर अपने आलेख, कहानियों और कवित...कई लोगों ने इस विषय पर अपने आलेख, कहानियों और कविताओं में अपने विचार रखे हैं और इसकी खुलकर भर्त्सना की है. किंतु आपकी यह कविता शब्दों के चयन के कारण (जो आपकी विशेषता है) कुछ अलग से कह रही है, एक नया दृष्टिकोण, एक नया परिदृष्य और एक नए सिरे से सोचने को विवश करती हुई! <br />इस विषय पर भाषणबाजी और बड़ी-बड़ी बातें करने वाली रचनाएँ ही मिली हैं, किंतु इस कविता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह ऐसा कुछ नहीं करती, केवल आईना दिखाती है समाज को. ऐसा आईना जो समतल है, किंतु इसमें बनने वाली अकृति विकृत है, भयानक है! <br />भाषा, सांस्कृतिक से सरलीकृत होती चली गई है! (क्षमा चाहता हूँ, माँ!) बहुत सुन्दर कविता!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com