tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post3122562819219175995..comments2023-12-29T02:05:21.545-08:00Comments on शिप्रा की लहरें: बाँसुरी मैं .प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-56595706579861510232011-09-09T19:43:55.570-07:002011-09-09T19:43:55.570-07:00रस-माधुरी की फुहार सी छोड़ती "बाँसुरी"कव...रस-माधुरी की फुहार सी छोड़ती "बाँसुरी"कविता विलम्ब से पढ़ सकी।<br />नन्हीं सी बाँसुरी ने श्रीकृष्ण के सरस अधरों पर सुशोभित होकर जो दिव्यता प्राप्त की ,उसकी अद्भुत छवि बिखराती ये रचना मनोमुग्धकारी<br />है।एक अनुपम रसीली अभिव्यक्ति !!!मैं अभिभूत हूँ,प्रतिभा जी!शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-17572894136606539402011-08-26T09:31:34.760-07:002011-08-26T09:31:34.760-07:00बहुत खूब..सुन्दर रचना, प्रभावशाली पंक्तियाँ।बहुत खूब..सुन्दर रचना, प्रभावशाली पंक्तियाँ।Ankit pandeyhttps://www.blogger.com/profile/11393165744990605962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-21406491447670599432011-08-24T22:46:32.249-07:002011-08-24T22:46:32.249-07:00पात्रता दी राग भर अपना तुम्हीं ने ,
साध कर अपने...पात्रता दी राग भर अपना तुम्हीं ने ,<br />साध कर अपने करों में मान्यता दी .<br />बावली मति धार सिर, आश्वस्ति दे दी<br />सरस अधरों से परस कर धन्यता दी.<br /><br />----<br /><br />आपकी काव्य रचना के आगे नतमस्तक हूँ। <br /><br />-----<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-53834510130739672912011-08-23T09:59:50.418-07:002011-08-23T09:59:50.418-07:00आनंद विभोर karti है आपकी ये रचना .आभार
BHARTIY NA...आनंद विभोर karti है आपकी ये रचना .आभार <br /><a href="http://bhartiynari.blogspot.com" rel="nofollow">BHARTIY NARI </a>Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-42574914603423335172011-08-20T20:31:34.566-07:002011-08-20T20:31:34.566-07:00अत्यंत मनमोहक, मुग्ध कर देने वाली कविता।
विषय-भाव-...अत्यंत मनमोहक, मुग्ध कर देने वाली कविता।<br />विषय-भाव-काव्य-शिल्प-सौन्दर्य अनुपम!Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-39850074170392497922011-08-20T18:20:35.146-07:002011-08-20T18:20:35.146-07:00पात्रता दी राग भर अपना तुम्हीं ने ,
साध कर अपने...पात्रता दी राग भर अपना तुम्हीं ने ,<br />साध कर अपने करों में मान्यता दी .<br />बावली मति धार सिर, आश्वस्ति दे दी<br />सरस अधरों से परस कर धन्यता दी.<br /><br /><br />वंश की लघु- खंडता से मुक्ति दे,<br />उन्मुक्त अंतर-वासना तुमने सँवारी .<br />पूर्णता पाई तुम्हारे अंग से लग ,<br />चिर-सुहागिन बाँसुरी हूँ मैं तुम्हारी !<br /><br />अनुपमVandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-59289912291188584592011-08-20T11:12:28.599-07:002011-08-20T11:12:28.599-07:00पात्रता दी राग भर अपना तुम्हीं ने ,
साध कर अपने...पात्रता दी राग भर अपना तुम्हीं ने ,<br />साध कर अपने करों में मान्यता दी .<br />बावली मति धार सिर, आश्वस्ति दे दी<br />सरस अधरों से परस कर धन्यता दी.<br />आप एक युग का प्रतिनिधि करती हैं। इस तरह की रचना अब बीते दिनों की बात हो गई है। पर जो माधुर्य इनमें है वह आज की अकविता में कहां ...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-86885034061555178582011-08-20T08:27:15.158-07:002011-08-20T08:27:15.158-07:00अदभुत,मनोहारी ,अनुपम.
आपकी प्रतिभा का कमाल है,प्रत...अदभुत,मनोहारी ,अनुपम.<br />आपकी प्रतिभा का कमाल है,प्रतिभा जी.<br />शानदार प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर आप आयीं, बहुत अच्छा लगा मुझे.<br />एक बार फिर आईयेगा.नई पोस्ट जारी की है.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-44261192652828215872011-08-20T08:21:19.252-07:002011-08-20T08:21:19.252-07:00sunder nirmal prem ras me pagi rachna.sunder nirmal prem ras me pagi rachna.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-38918235972539271212011-08-20T06:06:14.266-07:002011-08-20T06:06:14.266-07:00राग तुम्हारे स्वरों में भर दे बाँसुरी।राग तुम्हारे स्वरों में भर दे बाँसुरी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-8289690225267267282011-08-20T05:00:37.120-07:002011-08-20T05:00:37.120-07:00बार बार पढ़ने लायक कविता !
सुन्दर भावों से सुवासि...बार बार पढ़ने लायक कविता !<br /> सुन्दर भावों से सुवासित !<br />आभार !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-83647370708514763522011-08-20T03:44:51.919-07:002011-08-20T03:44:51.919-07:00Waah!
Pahle padh loon baar baar, fir likhungi :)
s...Waah!<br />Pahle padh loon baar baar, fir likhungi :)<br />sadar shardulaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-569898489008444552011-08-20T02:16:10.294-07:002011-08-20T02:16:10.294-07:00बांसुरी के भावों को रसयुक्त शब्द दिए हैं ... बहुत ...बांसुरी के भावों को रसयुक्त शब्द दिए हैं ... बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com