tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post5888563783544869606..comments2023-12-29T02:05:21.545-08:00Comments on शिप्रा की लहरें: संकेत.प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-79793258780255014742012-12-26T19:52:51.698-08:002012-12-26T19:52:51.698-08:00समारोह का विसर्जन,
कर्पूर-आरती सा लीन मन
जिस रमणीय...समारोह का विसर्जन,<br />कर्पूर-आरती सा लीन मन<br />जिस रमणीयता में रमा रहा,<br />वही गमक समाये ,<br />धूमावर्तों का आवरण हटा<br />तुम्हारा हाथ थाम<br />पल में पार उतर जाए !<br />हृदयस्पर्शी अतिसुन्दर भाव ......<br />उत्कृष्ट ...अद्भुत रचना ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-14343554873033952142012-12-23T07:58:11.863-08:002012-12-23T07:58:11.863-08:00 कविता में जब आध्यात्मिकता उतरती है तो उसकी गरिमा... कविता में जब आध्यात्मिकता उतरती है तो उसकी गरिमा अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुँच जाती है।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-89513534642779763262012-12-22T06:41:22.190-08:002012-12-22T06:41:22.190-08:00कर्पूर-आरती सा लीन मन
जिस रमणीयता में रमा रहा,
वही...कर्पूर-आरती सा लीन मन<br />जिस रमणीयता में रमा रहा,<br />वही गमक समाये ,<br />धूमावर्तों का आवरण हटा<br />तुम्हारा हाथ थाम<br />पल में पार उतर जाए <br /><br />यही इच्छा है हे महा वृध्दे ।<br /><br />बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-86525962869174320532012-12-19T19:46:32.073-08:002012-12-19T19:46:32.073-08:00very appealing creation.very appealing creation.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-87246460702582852452012-12-19T06:13:10.789-08:002012-12-19T06:13:10.789-08:00अद्भुत रचना बधाई अद्भुत रचना बधाई Mamta Bajpaihttps://www.blogger.com/profile/00085992274136542865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-30307683558645729942012-12-19T00:35:58.568-08:002012-12-19T00:35:58.568-08:00बहुत सुंदर भाव और उतनी ही सार्थक शब्दावली...आभार!बहुत सुंदर भाव और उतनी ही सार्थक शब्दावली...आभार!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-51692118930370214182012-12-17T06:02:46.024-08:002012-12-17T06:02:46.024-08:00लहरें सी उठ गयीं अंतर्मन मेंलहरें सी उठ गयीं अंतर्मन मेंस्पाईसीकार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/13710209411124992159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-9356536283385362012-12-16T09:31:17.892-08:002012-12-16T09:31:17.892-08:00'संकेत' ने स्नेह और मोह की अदृश्य डोर को स...'संकेत' ने स्नेह और मोह की अदृश्य डोर को सबसे पहले छुआ।चूँकि कविता की पृष्ठभूमि में मैंने अपने समस्त प्रियजनों और स्वयं को भी देखा तो पीड़ा के तंतु तत्काल ही नेत्रों में सजग हो उठे। परिणामस्वरूप मन उदास भी रहा कुछ समय तक।संयत हुई तो ज्ञान ने विचारों को बदलना शुरू किया।<br />संकेत पुन: स्थूल से सूक्ष्म और सूक्ष्म से अव्यक्त हो जाने का ..साथ ही एक और संकेत (अप्रत्यक्ष रूप से) जो मैंने पाया ..हर अस्तित्व को केवल एक अविनाशी ऊर्जा के मूल स्वरुप में अपनी चेतना से जोड़ने का भी। ऐसा करके शायद मैं भी ऐसे हर संकेत का हर परिस्थिति में स्वागत कर सकूँगी।और अधिक क्या कहूँ? मुझे तो बहुत गहरे में ले गयी रचना। कांपते मन से अपने शब्द लिख रही हूँ। जो नहीं लिख पा रही, क़ाश!! वो भी कह पाती!Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-58631949995021626772012-12-16T03:16:28.606-08:002012-12-16T03:16:28.606-08:00अति सूक्ष्म हो उठा मन..अति सूक्ष्म हो उठा मन..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-7293808905477233402012-12-13T19:34:26.062-08:002012-12-13T19:34:26.062-08:00सहजभाव स्वागत है ..
मंगल कामनाएं आपको सादर ! सहजभाव स्वागत है ..<br />मंगल कामनाएं आपको सादर ! Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-50913942106376115222012-12-13T18:23:34.601-08:002012-12-13T18:23:34.601-08:00स्वागत करूँगी ,
सहज स्नेहमयी, महा-वृद्धे ,
निश्चित...स्वागत करूँगी ,<br />सहज स्नेहमयी, महा-वृद्धे ,<br />निश्चित समय<br />सौम्य भावेन<br />शुभागमन हो तुम्हारा,<br />समापन कालोचित<br />शान्ति पाठ पढ़ते <br /><br />सुन्दर शब्दचयन,प्रभावशाली और भावपूर्ण रचना| विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-6682772164137592332012-12-13T17:24:16.373-08:002012-12-13T17:24:16.373-08:00स्वागत करूँगी ,
सहज स्नेहमयी, महा-वृद्धे ,
निश्चित...स्वागत करूँगी ,<br />सहज स्नेहमयी, महा-वृद्धे ,<br />निश्चित समय<br />सौम्य भावेन<br />शुभागमन हो तुम्हारा,<br />समापन कालोचित<br />शान्ति पाठ पढ़ते <br /><br />गहन भाव !!!Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-57490099180153988492012-12-13T11:45:42.638-08:002012-12-13T11:45:42.638-08:00अत्यंत गहन भाव अभिव्यक्ति.... अत्यंत गहन भाव अभिव्यक्ति.... Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-26533980975297278302012-12-13T00:33:39.217-08:002012-12-13T00:33:39.217-08:00सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर और गहन भाव लिए हुए. बहुत बध...सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर और गहन भाव लिए हुए. बहुत बधाई और शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-32040044555175846632012-12-12T23:58:30.634-08:002012-12-12T23:58:30.634-08:00abhi se uske swagat ko tatpar hain.....??? bahut h...abhi se uske swagat ko tatpar hain.....??? bahut himmat chahiye uska hans k swagat karne k liye...aur is saty ko apna liya to baki sab to tuchh rah jata hai.abhivandneey !!<br />अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-48552144551895743552012-12-12T07:14:31.733-08:002012-12-12T07:14:31.733-08:00बहुत सुन्दर रचना आभार बहुत सुन्दर रचना आभार Mamta Bajpaihttps://www.blogger.com/profile/00085992274136542865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-14159411646768677262012-12-12T05:24:50.234-08:002012-12-12T05:24:50.234-08:00खुबसूरत अभिवयक्ति...... खुबसूरत अभिवयक्ति...... विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-4478768230501852832012-12-12T04:55:30.277-08:002012-12-12T04:55:30.277-08:00दो संकेत, अपने संकेतों सेदो संकेत, अपने संकेतों सेप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-40324401806059568552012-12-12T04:27:08.989-08:002012-12-12T04:27:08.989-08:00ओह ..बेहद भावपूर्ण.ओह ..बेहद भावपूर्ण.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-91738707294185664262012-12-12T03:14:14.103-08:002012-12-12T03:14:14.103-08:00बेहतर लेखन !!बेहतर लेखन !!रजनीश के झा (Rajneesh K Jha)http://www.liveaaryaavart.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-90070827893429542592012-12-12T00:05:40.180-08:002012-12-12T00:05:40.180-08:00सही समय पे सही आगत के स्वागत के तैयारी ...
आगमन क...सही समय पे सही आगत के स्वागत के तैयारी ... <br />आगमन की प्रतीक्षा ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-16011404340472695312012-12-11T23:08:13.971-08:002012-12-11T23:08:13.971-08:00कष्टहारिणी,समस्त प्राणियों में समदृष्टि वाली चिर श...कष्टहारिणी,समस्त प्राणियों में समदृष्टि वाली चिर शान्तिदायिनी देवी का<br />हम सुशान्त मन से वरण कर सकें- इससे अधिक वांछनीय और क्या हो सकता है ? अतीव भावपूर्ण अभिव्यक्ति!!<br /> <br />"भूल जाता आदमी पर असलियत यह ज़िन्दगी की,<br /> मृत्यु से संघर्ष में जीवन सदा ही हार जाता ।।"शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-74131889515121173362012-12-11T22:23:42.488-08:002012-12-11T22:23:42.488-08:00अनुभूति अनुभूत सच की प्रगाढ़ता है इस रचना में जो ब...अनुभूति अनुभूत सच की प्रगाढ़ता है इस रचना में जो बांधती है मन को .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-68234749942395200222012-12-11T20:42:54.988-08:002012-12-11T20:42:54.988-08:00स्वागत करूँगी ,
सहज स्नेहमयी, महा-वृद्धे ,
निश्चित...स्वागत करूँगी ,<br />सहज स्नेहमयी, महा-वृद्धे ,<br />निश्चित समय<br />शुभागमन हो तुम्हारा,<br /><br />जो उस पार जाने के लिए स्वागत कर सके आगत का उसे सच ही जीने की कला आ गयी ... बहुत सुंदर और भाव पूर्ण रचना .... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-47844355857320986432012-12-11T20:29:34.048-08:002012-12-11T20:29:34.048-08:00सपना कैसे कहूँ ,
सच लगा मुझे
एकदम चौक गई थी , त्रस...सपना कैसे कहूँ ,<br />सच लगा मुझे<br />एकदम चौक गई थी , त्रस्त-सी .<br />कितने ध्यान से<br />देख रहीं थीं तुम मुझे !<br />पास खड़ी खड़ी.<br /><br /><br />बेहतरीन अभिव्यक्ति. कई बार सपना बिलकुल सजीव लगता है.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.com