tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post2770762454977434738..comments2023-12-29T02:05:21.545-08:00Comments on शिप्रा की लहरें: नटराज !प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-57024695124818491722012-01-30T08:30:34.422-08:002012-01-30T08:30:34.422-08:00अत्यंत सरस!
मन दीप्त है, अतीव हर्षित।
अहा! क्या का...अत्यंत सरस!<br />मन दीप्त है, अतीव हर्षित।<br />अहा! क्या काव्य, क्या भाषा, क्या शैली!<br />नमन!Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-4131088999472961962012-01-26T23:19:33.695-08:002012-01-26T23:19:33.695-08:00Oh my God! Ek baar break mein padhi...jaise man he...Oh my God! Ek baar break mein padhi...jaise man hee man zor zor se matrochaar karta hai koi vaise...fir fir padhungi tab aapko likhungi Pratibha ji. Abhi kotish naman lein apne liye aur natraaj ke liye!<br />Sadar shar<br />...Bus ek aur baat...zara nazar utaar leejiye apni lekhni ki aaj!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-37552253077392691302012-01-26T18:41:12.916-08:002012-01-26T18:41:12.916-08:00अद्भुत, ऊँचे स्वर में बोल बोल कर पढ़ी यह, साहित्यि...अद्भुत, ऊँचे स्वर में बोल बोल कर पढ़ी यह, साहित्यिक आनन्द आ गया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-57091648684506018392012-01-26T01:08:59.273-08:002012-01-26T01:08:59.273-08:00आशा जी ,
कई बार आपके पास जाना चाहा .पर यह सूचना अं...आशा जी ,<br />कई बार आपके पास जाना चाहा .पर यह सूचना अंकित दिखाई दी -<br /><br />आपके द्वारा अनुरोधित Blogger प्रोफ़ाइल प्रदर्शित नहीं हो सकता. अनेक Blogger उपयोगकर्ता अभी तक अपने प्रोफ़ाइल सार्वजनिक रूप से साझा करने के लिए चुने नहीं गए.<br /> पहुँचने का मार्ग बतायें .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-9370966168138431332012-01-25T19:13:22.551-08:002012-01-25T19:13:22.551-08:00नटराज के सर्वांग रूप को प्रत्यक्ष करती ,भक्तिपूर्ण...नटराज के सर्वांग रूप को प्रत्यक्ष करती ,भक्तिपूर्ण उद्गारों से ओतप्रोत<br />ये अद्भुत् अभिव्यक्ति मन पर छा गई। सरस,कमनीय भाषा ने काव्य<br />के सौंदर्य को द्विगुणित कर दिया है। अति सुन्दर !!<br />आपके काव्य-कौशल को नमन!!!शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-32344822466530326172012-01-25T17:10:41.926-08:002012-01-25T17:10:41.926-08:00बहुत सुन्दर रचना और भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
कभी मेरे...बहुत सुन्दर रचना और भावपूर्ण अभिव्यक्ति |<br />कभी मेरे ब्लॉग पर भी आइये |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-46035131386849123442012-01-25T09:45:00.003-08:002012-01-25T09:45:00.003-08:00क्या कहूँ प्रतिभा जी रचना के लिए..और क्या कहूँ भगव...क्या कहूँ प्रतिभा जी रचना के लिए..और क्या कहूँ भगवान शिव के लिए?? दोनों पर ही कहने योग्य नहीं मैं। <br />इतना कहूँगी कि अंतिम पंक्तियों तक आते आते आँखें भर आयीं...यूँ भी भगवान् शिव को बचपन से अपने बहुत समीप रखती आई हूँ मैं..उन पर लिखा सब सूर्य सा है मुझे...<br /><br />प्रणाम ही कर सकती हूँ केवल ...भगवान् शिवजी को...रचना को..आपकी लेखनी को..!!<br /><br />बड़े दिनों बाद कहीं पर सबसे पहले अपने विचार लिख रही हूँ...:):)Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.com