tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post2760884104734779307..comments2023-12-29T02:05:21.545-08:00Comments on शिप्रा की लहरें: किं-बहुना .प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-41401060455040012932013-01-12T19:56:56.885-08:002013-01-12T19:56:56.885-08:00एक उत्कृष्ट विचारों की उत्कृष्ट कविता!
कई पंक्तिया...एक उत्कृष्ट विचारों की उत्कृष्ट कविता!<br />कई पंक्तियाँ याद आ गईं पढ़ते ही, जैसे, "गुन तुम्हार समुझइ निज दोसा, जेहि सब भाँति तुम्हार भरोसा"<br /><br />तुमने जो भी दिया ,निबाहा क्षमता भर ,धर सिर-आँखों पर ,<br />ले इतना विश्वास , कि मेरी लज्जा-मान तुम्हीं रक्खोगे! -- उत्कृष्ट <br />, <br />दिशा-ज्ञान की कौन कहे अनजाना हो गंतव्य जहाँ पर<br />बोध-शोध सब परे धर दिये ,आगे ध्यान तुम्हीं रक्खोगे !--- बहुत सुन्दर!<br />*<br />निस्पृह हो धर चलूँ यहीं पर ,राग-विराग, जिन्हे ओढ़ा था,<br />सारी डूब समाई तुम में, अब संधान तुम्हीं रक्खोगे ! --- अतिसुन्दर!<br /> *<br />निर्मलता में सँजो तुम्हारी करुणा का कण-कण किं-बहुना. -- ये सार <br />तुमसे कौन शिकायत,शंका या आशंका चिन्ता मुझको .<br />मन दर्पण बन रहे तुम्हारा , तब तो भान तुम्हीं रक्खोगे ! -- बहुत ही सुन्दर <br />सादर शार्दुला <br /><br />Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-21714292891920947412013-01-09T22:28:25.641-08:002013-01-09T22:28:25.641-08:00अथाह विश्वास और आस्था लिए सुंदर रचना अथाह विश्वास और आस्था लिए सुंदर रचना संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-62704873891317921012013-01-08T22:02:28.080-08:002013-01-08T22:02:28.080-08:00...काश,यह विश्वास बना रहे !...काश,यह विश्वास बना रहे !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-31256994493944382112013-01-08T09:14:42.208-08:002013-01-08T09:14:42.208-08:00
शुक्रिया आपकी ताज़ा टिपण्णी का .विचार और भाव की ब...<br />शुक्रिया आपकी ताज़ा टिपण्णी का .विचार और भाव की बेहतरीन अभिव्यक्ति हुई है रचना में .बधाई .सुन्दर शब्द चयन .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-69052635900738919872013-01-07T21:12:34.886-08:002013-01-07T21:12:34.886-08:00आपकी हर कविता हमारे लिए आनंद और सीख का विषय होती ह...आपकी हर कविता हमारे लिए आनंद और सीख का विषय होती है। प्रेरणास्रोत होती है।<br />अशेष सराहना के साथ .... प्रताप नारायण सिंह (Pratap Narayan Singh)https://www.blogger.com/profile/08654132523168281005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-36536535737465727792013-01-07T01:38:46.585-08:002013-01-07T01:38:46.585-08:00अति सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति...
:-)अति सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-7843550424702777712013-01-06T22:28:18.702-08:002013-01-06T22:28:18.702-08:00बहुत ही सुंदर भावनात्मक प्रस्तुति !
~सादर!!! बहुत ही सुंदर भावनात्मक प्रस्तुति !<br />~सादर!!! Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-24236462066013124082013-01-05T08:44:57.050-08:002013-01-05T08:44:57.050-08:00
अशेष समर्पण भाव की सुन्दर अभिव्यक्ति.
<br />अशेष समर्पण भाव की सुन्दर अभिव्यक्ति.<br />अभिषेक आर्जवhttps://www.blogger.com/profile/12169006209532181466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-83223841134014162162013-01-04T08:50:51.476-08:002013-01-04T08:50:51.476-08:00लाजवाब रचना।लाजवाब रचना।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-29281596749010969882013-01-04T06:29:03.814-08:002013-01-04T06:29:03.814-08:00Outstanding creation !Outstanding creation !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-63797506309222257062013-01-03T08:21:31.266-08:002013-01-03T08:21:31.266-08:00पूर्ण समर्पण का भाव लिये सुंदर रचना ।पूर्ण समर्पण का भाव लिये सुंदर रचना ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-56515625848238036082013-01-02T18:26:39.998-08:002013-01-02T18:26:39.998-08:00क्या लिख दिये हो आप, मन में ये भाव समा गए है उतर ...क्या लिख दिये हो आप, मन में ये भाव समा गए है उतर आये है <br /><br />यहाँ पर आपका इंतजार रहेगा <a href="http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post_30.html#comment-form" rel="nofollow">शहरे-हवस</a>Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-46350044906745510232012-12-31T18:49:32.502-08:002012-12-31T18:49:32.502-08:00अडिग आस्था , सुदृढ़ विश्वास एवं पूर्णरूपेण समर्प...अडिग आस्था , सुदृढ़ विश्वास एवं पूर्णरूपेण समर्पण भाव की सरस प्रवाहमयी अभिव्यक्ति। मन को छू गई । साधुवाद !!शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-51016186289719841992012-12-31T01:10:30.328-08:002012-12-31T01:10:30.328-08:00तुमसे कौन शिकायत,शंका या आशंका चिन्ता मुझको .
मन ...तुमसे कौन शिकायत,शंका या आशंका चिन्ता मुझको .<br />मन दर्पण बन रहे तुम्हारा , तब तो भान तुम्हीं रक्खोगे !<br /><br />....समर्पित भक्ति की बहुत सुन्दर भावमयी रचना..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-84362958832601290772012-12-30T00:20:42.141-08:002012-12-30T00:20:42.141-08:00क्षमा-दान मत दो कि,साध्य हो प्रायश्चित तप-तप कर धु...क्षमा-दान मत दो कि,साध्य हो प्रायश्चित तप-तप कर धुलना,<br />निर्मलता में सँजो तुम्हारी करुणा का कण-कण किं-बहुना.<br />तुमसे कौन शिकायत,शंका या आशंका चिन्ता मुझको .<br />मन दर्पण बन रहे तुम्हारा , तब तो भान तुम्हीं रक्खोगे ...<br /><br />बहुत ही सुन्दर प्रवाहमय काव्य ... भावों से ओतप्रोत निर्मल धारा सी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-37277869621453670282012-12-29T22:47:41.515-08:002012-12-29T22:47:41.515-08:00आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट पर आपकी प्...आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट पर आपकी प्रतिक्रिया की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी। नव वर्ष 2013 की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ। धन्यवाद सहित।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-64996877344827956872012-12-28T03:54:52.787-08:002012-12-28T03:54:52.787-08:00 लज्जा-मान को भी समर्पित कर देने के बाद ही मान रख ... लज्जा-मान को भी समर्पित कर देने के बाद ही मान रख लिया जाता है ... Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-27723665545401787242012-12-27T23:41:05.999-08:002012-12-27T23:41:05.999-08:00भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ।
मेरी नई पोस्ट में आपक...भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ।<br />मेरी नई पोस्ट में आपका स्वागत है ।<br /><a href="http://pradip13m.blogspot.com/2012/12/khwab.html" rel="nofollow"><b>ख्वाब क्या अपनाओगे ?</b></a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-74189950254426033462012-12-27T23:03:22.289-08:002012-12-27T23:03:22.289-08:00बड़े सलीक़े से उठाये मन के भाव।बड़े सलीक़े से उठाये मन के भाव।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-78158906787112736032012-12-27T18:22:55.007-08:002012-12-27T18:22:55.007-08:00क्षमा-दान मत दो कि,साध्य हो प्रायश्चित तप-तप कर धु...क्षमा-दान मत दो कि,साध्य हो प्रायश्चित तप-तप कर धुलना,<br />निर्मलता में सँजो तुम्हारी करुणा का कण-कण किं-बहुना.<br />तुमसे कौन शिकायत,शंका या आशंका चिन्ता मुझको .<br />मन दर्पण बन रहे तुम्हारा , तब तो भान तुम्हीं रक्खोगे !<br />*<br />बस इतना विश्वास कि मेरी लज्जा-मान तुम्हीं रक्खोगे!<br /><br />माता जी प्रणाम और शुभ प्रभात संग आपकी निष्ठां , समर्पण और त्याग संग विश्वास की पराकाष्ठा को नमन ... Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-15978639649324368172012-12-27T16:24:10.383-08:002012-12-27T16:24:10.383-08:00क्षमा-दान मत दो कि,साध्य हो प्रायश्चित तप-तप कर धु...क्षमा-दान मत दो कि,साध्य हो प्रायश्चित तप-तप कर धुलना,<br />निर्मलता में सँजो तुम्हारी करुणा का कण-कण किं-बहुना.<br /><br />मन भीग गया ....लगा जैसे हमारी ही प्रार्थना है हमारे ही भाव Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-14815653428633417962012-12-27T16:05:37.990-08:002012-12-27T16:05:37.990-08:00बहुत सुन्दर भाव हैं.
दिशा-ज्ञान की कौन कहे अनजा...बहुत सुन्दर भाव हैं. <br /><br />दिशा-ज्ञान की कौन कहे अनजाना हो गंतव्य जहाँ पर<br />बोध-शोध सब परे धर दिये ,आगे ध्यान तुम्हीं रक्खोगे !<br /><br />जीवन में कभी किसी पर "अंधविश्वास" करना ही होता है. गणना करके भी अक्सर ऐसे उत्तर आते हैं जो अपने आप में प्रश्न होते हैं.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.com