tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post1133824111616014162..comments2023-12-29T02:05:21.545-08:00Comments on शिप्रा की लहरें: कवि से -प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-677014005970498602011-01-28T20:57:14.033-08:002011-01-28T20:57:14.033-08:00प्रतिभा जी,
आपकी रचना ने याद दिला दी-
...प्रतिभा जी,<br />आपकी रचना ने याद दिला दी-<br /> "कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ,<br /> जिससे उथल पुथल मच जाए।"<br />ओजपूर्ण प्रांजल भाषा में कवि के लिये आपका ये उद्बोधन अत्यन्त समीचीन एवं प्रभावी है। सुन्दर रचना के लिये बधाई!!शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-37924995912921161072010-12-28T00:16:25.689-08:002010-12-28T00:16:25.689-08:00aapke kalam ki takat ko naman pratibha di...:)
ham...aapke kalam ki takat ko naman pratibha di...:)<br />ham to bahut chhote hain...isss kalakari me...aise sabdo visheshan sune tak nahi...<br />achchha laga padh kar...:)<br /><br />ab barabar aaunga, kuchh seekhne...!<br />nav varsh ki agrim subhkamnayen...मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-67769932518822131302010-12-25T10:02:31.101-08:002010-12-25T10:02:31.101-08:00क्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के
आशीषमय उजा...क्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के <br />आशीषमय उजास से<br />आलोकित हो जीवन की हर दिशा <br />क्रिसमस के आनंद से सुवासित हो <br />जीवन का हर पथ. <br /><br />आपको सपरिवार क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं<br /><br />सादर<br />डोरोथीDorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-11327258391642438562010-12-22T06:18:22.064-08:002010-12-22T06:18:22.064-08:00आदरणीय प्रतिभा जी,
मेरी टिप्पणी आप के ही लिए है बस...आदरणीय प्रतिभा जी,<br />मेरी टिप्पणी आप के ही लिए है बस नाम लिखने में न जाने कैसे गलती हो गयी !<br />कृपया क्षमा करें !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-31836993766559032642010-12-20T03:37:39.661-08:002010-12-20T03:37:39.661-08:00आपकी कविता मुझे प्रसाद, पन्त, महादेवी, निराला एवं ...आपकी कविता मुझे प्रसाद, पन्त, महादेवी, निराला एवं दिनकर का स्मरण करा गई। बहुत ही भावनात्मक.....छन्दबद्ध....प्रखर एवं हृदयानुरञ्जक कविता है।Mukeshhttps://www.blogger.com/profile/10419400047507603499noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-57408983753593882292010-12-17T18:43:29.228-08:002010-12-17T18:43:29.228-08:00जागरूक करती हुई उम्दा प्रस्तुति के लिए आभार प्रतिभ...जागरूक करती हुई उम्दा प्रस्तुति के लिए आभार प्रतिभा जी !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-67802256332854490692010-12-16T14:32:16.612-08:002010-12-16T14:32:16.612-08:00मर्मज्ञ जी ,
यह टिप्पणी आप भूल से यहाँ लिख गए हैं ...मर्मज्ञ जी ,<br />यह टिप्पणी आप भूल से यहाँ लिख गए हैं ,जिसके लिए है कृपया उसके पास भेज दें .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-59614146014545590632010-12-16T00:40:22.804-08:002010-12-16T00:40:22.804-08:00आदरणीय गिरिजा जी,
कविता के हर शब्द से उसके गहन भाव...आदरणीय गिरिजा जी,<br />कविता के हर शब्द से उसके गहन भाव संप्रेषित हो रहे हैं !<br />बहुत ही सुन्दर रचना !<br />साभार ,<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-9443120805545988892010-12-15T22:07:06.142-08:002010-12-15T22:07:06.142-08:00आर्ष शब्दावली आकर्षित करती है ....निश्चित ही प्रार...आर्ष शब्दावली आकर्षित करती है ....निश्चित ही प्रारम्भ हो सकेगा एक नयी संसृति का सृजन कवि के छन्द आरण्यक स्वरॊं से ...अभिषेक आर्जवhttps://www.blogger.com/profile/12169006209532181466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-31706190117083375262010-12-15T11:28:09.947-08:002010-12-15T11:28:09.947-08:00सुंदर रचना के लिए साधुवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका स्वा...सुंदर रचना के लिए साधुवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-83618000571354715082010-12-13T09:43:52.632-08:002010-12-13T09:43:52.632-08:00पढ़कर मन उतर गया छायावाद के घाटों में।पढ़कर मन उतर गया छायावाद के घाटों में।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-71514127176917832822010-12-13T04:28:53.319-08:002010-12-13T04:28:53.319-08:00अहा! मन आह्लादित हो गया। एक बार फिर आपकी कविता पढक...अहा! मन आह्लादित हो गया। एक बार फिर आपकी कविता पढकर छायावादे कवि स्मरण हो आए।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-39646990851695288332010-12-13T02:50:02.540-08:002010-12-13T02:50:02.540-08:00पहुँच पाये जब जहाँ तक यह सँदेशा
अनसुने कब तक रहे...पहुँच पाये जब जहाँ तक यह सँदेशा <br /><br />अनसुने कब तक रहेंगे ये प्रबोधन !<br /><br />और कब तक नयन मीलित ही रहेंगे,<br /><br />स्वच्छ निर्मल कर धरा जो सत्य-दर्पण <br /><br /><br />यह कविता पढ़ सच ही लग रहा है की कवि की कलम में बहुत ताकत होती है ...बहुत अच्छी रचना ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-63903962112751179932010-12-13T00:52:25.883-08:002010-12-13T00:52:25.883-08:00उस दिन कहने की इच्छा थी कि इसे आगे लिखिए..
धन्यवाद...उस दिन कहने की इच्छा थी कि इसे आगे लिखिए..<br />धन्यवाद जो आपने आगे लिखा...<br /><br />"और कब तक नयन मीलित ही रहेंगे,<br />स्वच्छ निर्मल कर धरा जो सत्य-दर्पण<br />चेत को झकझोरते वे मंत्र फूँको ,<br />आज वैतालिक, कि जग जाए चराचर. "<br /><br />साधु!Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160220647065410925.post-16051659366247538802010-12-12T23:53:58.857-08:002010-12-12T23:53:58.857-08:00बहुत सुन्दर !!बहुत सुन्दर !!परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com